#10 Most Mysterious Places Scientist Still Can't Explain दुनिया के वैज्ञानिको को हेरान करने वाली जगहे

जब भी पृथ्वी पर जीवन मानवीय इतिहास की बात होती है वैज्ञानिक और इतिहासकार कई रिसर्च के द्वारा मन में उठ रहे सवालों के जवाब ढूंढने की कोशिश करते हैं कई प्रश्नों के उत्तर वैज्ञानिकों ने ढूँढ लिए हैं कइयों पर रिसर्च अब भी जारी है लेकिन कभी कभी उनका सामना कुछ ऐसी गतिविधियों से होता है जो वैज्ञानिकों को भी वार्न कर देता है। अपनी तमाम कोशिशों के बाद भी हर प्राकृतिक घटना के होने का कारण अभी पता नहीं लगा पाए हैं। कई घटनाएं ऐसी भी हैं जिनके बारे में सुनकर हम बेहद आश्चर्य चकित होते हैं लेकिन उसके संदर्भ में संकेत इतने कम होते हैं कि उसके कारण का पता लगा पाना संभव नहीं हो पाता। आज हम आपको कुछ ऐसे ही स्थानों के बारे में बताएंगे दुनिया की टॉप 10 ऐसी शानदार और आश्चर्य चकित कर देने वाली जगह जिन्हें देखना और उनके बारे में जानना आपके लिए बेहद दिलचस्प होगा।

Duplex Tree Casorzo in Italy


नंबर 10 ड्यूप्लेक्स ट्री एक कहावत है वाय हैव वन ट्री व्हेन कैन हैव टू यानी जबाब दो पेड़ उगा सकते हैं तो एक क्यों उगाना ना। अमूमन तो यह कहावत पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में प्रयोग की जाती है लेकिन इटली के कसूरसो में यह थ्योरी वास्तविक जान पड़ती है। यहां एक ऎसा पेड़ है जिसमें दो पेड़ हैं। ये बात सुनने में जितनी अजीब सी लगती है उतनी ही सच है एक शहतूत के पेड़ के ऊपर एक चेरी का पेड़ उगा हुआ है। ये एक तरह का हाइब्रिड ड्यूप्लेक्स है छोटा पेड़ बड़े पेड़ के ऊपर कभी कभी उगता है। इस तरह दो वृक्षों को एक के ऊपर एक देखना काफी असामान्य घटना है। आमतौर पर इस तरह के पेड़ों में पोषक तत्व दोनों में समान रूप से नहीं बटते और छोटे पेड़ का विकास पोषण की कमी के कारण पूर्ण रूप से नहीं हो पाता। लेकिन इस पेड़ में ऐसा नहीं है इस बात का सबूत है चेरी के पेड़ पर उगने वाले सफेद रंग के बेहद खूबसूरत फूल। अपनी इस आश्चर्य चकित कर देने वाली खूबियों के कारण ये पेड़ इलाके में आकर्षण का केन्द्र बना रहता है। इसकी सुरक्षा के लिए इसके आसपास फेंसिंग करवा दी गई है और उसपर चढ़ना गैर कानूनी और दंडनीय है।

Envaitenet Island of Kenya Island of No Return


 नंबर 9 (Envaitenet) एन्वैटीनेट  आइलैंड ऑफ नो रिटर्न केन्या को दुनिया में अबूझ पहेलियों का केंद्र माना जाता है तुरकौलिया झील के पास स्थित इनवाइट ने नाम का एक ऐसा ही द्वीप है जिससे जुड़े अजूबे का ज़िक्र उसके नाम में ही हो जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ होता है नो रिटर्न यानी वापस न आना कई किलोमीटर के दायरे में फैले इस द्वीप के आसपास कई जनजातियां जीवन यापन करती हैं लेकिन ये द्वीप मानव जीवन के मामले में वीरान है। आसपास रहने वाले लोग ये मानते हैं ये स्‍थान शापित है पर यहां जाने वाले कभी लौटकर नहीं। उन्नीस सौ पैंतीस में एक ब्रिटिश रिसर्चर वेविना फूस ने अपने दो साथी रिसर्चर मार्टिन शेल फील्ड्स और बी डायसन के साथ इस मिथक की सच्चाई की जांच करने का निर्णय लिया और उन्हें द्वीप पर भेजा लेकिन उनके भी आश्चर्यजनक तरीके से गायब हो जाने से ये धारणा और प्रबल हो गई। ट्यूनिस। इसका कारण ये मानते हैं कि द्वीप पर एलियनों का वास है जबकि केन्याई निवासियों का मानना है द्वीप के बीचो बीच जाने पर विद्युत झंझावात का शिकार बन जाते हैं। हवाई जहाज से इस द्वीप की तस्वीरें तो ली गई हैं लेकिन लंबे वक्त से कोई इस द्वीप पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया है

Aindara Temple and Foot Pic of Syria
Aindara Foot By Talk Pandit

Aindara Big Foot


नंबर 8 ऐनदारा टेम्पल्स, सीरिया में बहुत से प्राचीन और अद्भुत मंदिर हैं जिनमें से लगभग हरेक की अपनी अपनी आकर्षित करने वाली कहानियां हैं लेकिन अन्दारा के मंदिर का आकर्षण बेहद खास है जिसके कारण मंदिर के प्रवेश द्वार पर बड़े बड़े मानवीय पद्म चिह्न् हैं। ये पैरों के चिन्ह भी उतने ही पुराने हैं जितना कि मंदिर लगभग 33 सौ साल। इन पद चिन्हों के बारे में कई अलग अलग धारणाएं हैं जो कि एक दूसरे से बिल्कुल अलग है। वैज्ञानिक और पुरातत्ववेत्ता मानते हैं ये चिन्ह भी उन्हीं लोगों द्वारा बनाए गए हैं जिन्होंने मंदिर बनाया था जबकि आसपास के निवासियों का मानना है कि मंदिर में एक महान ईश्वर ने प्रवेश किया था और उनके चरण चिन्ह मंदिर के द्वार पर बने रह गए जबकि एक मान्यता यह भी है कि जिन लोगों ने मंदिर का निर्माण किया था वो विशालकाय थे और ये निशान उन्हीं के पैरों के हैं। इस इलाके में प्राचीन काल में विशालकाय मनुष्यों के रहने की कई कहानियां सुनने में आती हैं और इन पदचिन्हों को लोगों ने उन कहानियों का सबूत मान लिया है। दुखद यह है कि तुर्की द्वारा किए गए 2018 के एक हवाई हमले के बाद मंदिर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है लेकिन पद चिन्ह अभी भी सलामत हैं।

अबू गोरब सन टेम्पल इजिप्ट और गीजा के पिरामिड

Egyptian Sun Temple | Egyptian Ancient Temple


नंबर 7 अबू गोरब सन टेम्पल इजिप्ट और गीजा के पिरामिड जो कि अपने आप में एक शानदार जगह है जाने वाले लोगो में कुछ भी 20 मिनट और यात्रा कर के अबू गेराब तक जाने की जहमत उठाते तो शायद ये इतना बड़ा रहस्य नहीं होता। इस शहर में कुछ ऐसी संरचनाएं पायी गई हैं जिसे सूर्य मंदिर माना जाता है जो कि महान देवता रा को समर्पित माना जाता है। ये मंदिर लगभग 24 सौ साल पहले बनाया गया था। इतिहासकारों की मानें तो अबू गेराब में कुल 6 सूर्य मंदिर थे जिसमें अब सिर्फ 2 बचे हैं। माना जाता है कि ये मंदिर अफ्रीका के खेमतियन लोगो द्वारा बनाया गया था। ये लोग पत्थरों के निर्माण और इंजीनियरिंग में माहिर थे फिर भी इन लोगों ने हजारों टन के इन बड़े बड़े पत्थरों को किस तरह उठाया होगा इन्हें किन मशीनों से काटा होगा। ऐसे तमाम सवाल राज़ बन गए हैं। सबसे ज्यादा आश्चर्य पत्थरों के बीच में किए गए गोल छेद देखकर होता है। सदियों पहले आज जैसे आधुनिक उपकरण भी नहीं होते थे फिर उन लोगों ने किस तरह ये होल ड्रिल किए थे यह आज भी मिस्ट्री है।

अस्सी प्लाटैऊ कजाकिस्तान


नंबर 6 अस्सी प्लाटैऊ कजाकिस्तान काफी पहले की बात है आर.एल. सी. में बर्टोगे बरसाक नाम का द्वीप हुआ करता था लेकिन अब जलस्तर गिरने की वजह से ये पठार बन चुका है जो कि कीस लौडा कजाकिस्तान में है। केनिया के द्वीप जैसी ही धारणा इस जगह के बारे में भी है कि यहां जाने वाले लौटकर नहीं आते 1939 में से एक राष्ट्रीय रिजर्व घोषित कर दिया गया और लोगो के लिए इसे बंद कर दिया गया यहा तक आज भी इस जगह के आसपास इलेक्ट्रोनिक यंत्र और नेविगेशन उपकरण काम करना बंद कर देते हैं। दस्तावेजों की मानें तो ऐसे भी उदाहरण देखे गए हैं जिनमें इस पठार के आसपास लंबा वक्त गुजारने के बाद लोगो की त्वचा का रंग नीला पड़ गया। एक कहानी तो ये भी कहती है कि कुछ लोग जिन्होंने यहां पर कुछ वक्त बिताया उनके अनुसार लगभग एक साल वापस जाने पर उन्होंने पाया कि तीन दशक बीत चुके हैं।

हैण्ड्स ऑफ हरक्यूलिस जॉर्डन
Hand of Hercules by Alittleadrifft


नंबर 5 हैण्ड्स ऑफ हरक्यूलिस जॉर्डन में ओमान के खंडहरों में आपको कई ढहे हुए मंदिर और इमारतों के ढांचे मिल जाएंगे। यही आपका झपट्टा मारने की मुद्रा में तीन उंगलियों से बना टूटा फूटा पत्थर का बना हुआ एक विशालकाय हाथ भी मिल जाएगा। ये है हैण्ड ऑफ हरक्यूलिस यानि पहलवान का हाथ। हालांकि ये टूटा हुआ है और सिर्फ तीन उंगलियां बची हैं फिर भी ये देखने में काफी भयावह लगता है। ये हरक्यूलिस मंदिर का एक हिस्सा है जिसका निर्माण दूसरी शताब्दी में रोमन कब्जे के दौरान हुआ था। अम्मान के गढ़ में बना ये मंदिर रोम के किसी भी अन्य मंदिर से ज्यादा विशालकाय है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कार्य कभी पूरा ही नहीं हुआ। चूंकि यह जगह अधिक भूकंप आने के लिए जानी जाती है तो ये माना जाता है कि हो सकता है इसी कारण से रोमन लोगों ने यहां पर किसी भी तरह का निर्माण का विचार त्याग दिया हो।

द लॉस्ट सिटी ऑफ कालाहरि


Kalahari Ancient Pics


नंबर 4 द लॉस्ट सिटी ऑफ कालाहरि के खोए हुए गुमनाम शहर का रहस्य आज भी अस्तित्व में है ये बात आज भी विवाद का विषय बनी हुई है कि ऐसा कोई शहर वाकई है भी या नहीं यह कहानी तब शुरू हुई जब 1885 में कनाडा के एक जादूगर और एक्सप्लोरर विलियम लियोनार्ड हंट ने ये दावा किया कि उन्होंने काला हरी रेगिस्तान को पैदल पार करते हुए एक खाली खंडहरनुमा जगह खोज ली है। रॉयल ज्योग्राफिक सोसाइटी की एक रिपोर्ट में उन्होंने ये कहा कि उन्होंने शहर में क्षतिग्रस्त मंदिर जली हुई जमीनें आधी अधूरी दीवारें देखी हैं। उनके इस कथन के बाद लगभग 25 अभियान चले गए लेकिन किसी को भी ऐसा कुछ नहीं मिला जैसा हंटर ने बताया था। 1964 में एजे क्लीमेंट ने थ्योरी दी कि जादूगर हंट खंडर में जाने वाले रूट को लेकर कन्फ्यूजन में थे और क्लीमेंट ने एक अलग रूट बताया। उस रास्ते से क्लीमेंट एक ऐसी जगह पहुंचे जहां पत्थरों का ढेर था। क्लीमेंट ने व्याख्या की कि शायद हंट ने इन्हीं पत्थरों की दीवार देखी होगी लेकिन उनकी ये व्याख्या संतोषजनक नहीं थी। कालाहरी का वो शहर आज भी गुमनाम है और लोग आज भी उसे ढूंढ रहे हैं।

रिंग्स औफ बैरिंग सी

रिंग्स औफ बैरिंग सी


नंबर 3 रिंग्स औफ बैरिंग सी, दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान नाजी लोगों ने संपूर्ण योरप में कई विचित्र संरचनाओं का निर्माण किया है जिसमें सभी को समझ पाना बेहद मुश्किल है। नाजियों का ऐसा ही एक निर्माण है बैरन समुद्र में कंक्रीट की बनी हुई गोल रिंग नुमा आकृति युद्ध के बाद सोवियत संघ ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए इसके आसपास जनसाधारण जाना वर्जित कर दिया गया। ऐसा भी कहा जाता है इसी जगह जर्मन एंटी ग्रेविटी और मास डिस्ट्रक्शन डिवाइस का परीक्षण किया करते थे। यह भी माना जाता है कि नाजियों ने इस जगह पर ढाईग्लो किट नाम के सीक्रेट प्रोजेक्ट पर भी काम किया था। ढाईग्लो किट के बारे में लोग इतना ही जानते हैं कि ये बेहद भयावह शक्तिशाली हथियार थे। सुनने में तो ये भी आता है कि ढाइग्लो किट में कंक्रीट के बेस पर घूमने वाली आर्टिलरी लगी हुई थी लेकिन विश्वास करने के लिए ये काफी हास्यास्पद है।

Druid Temple in Swinton Old Pics

ड्र्यूड टेम्पल

नंबर 2 ड्र्यूड टेम्पल उत्तरी यॉर्कशर इंग्लैंड के स्वीन्टन में रहने वाले लोग। ये मानते हैं कि स्वीन्टन में एक प्राचीन मंदिर है लेकिन स्वीन्टन के डुएट मंदिर की संरचना को देखने से ही यह पता चल जाता है कि इसे प्राचीन कहने का कारण इसकी बनावट है। हालांकि ये मंदिर मुश्किल से दो शताब्दी पहले एक बहुत ही नेक दिल और विलक्षण जमीदार विलियम डैन ने बनवाया था अपनी नेक दिली के चलते उसने अपने आसपास के लोगों की बेरोजगारी दूर करने के लिए यह अठारह सौ बीस में यह मंदिर बनवाया गया था। यहां तक कि मंदिर बनने के बाद उसने ये शर्त भी रखी कि जो व्यक्ति अकेले लगातार सात वर्षों तक मंदिर में रहेगा उसे इनाम दिया जाएगा। एक आदमी चार साल तक रहा भी लेकिन पूरे साल तक कोई नहीं रह पाया और विलियम का रिवॉर्ड का भी क्लेम हुआ ही नहीं। इसका कारण आज तक अबूझ है।


Gungywamp USA

गूंगीवैम्प यूएस


नंबर 1 गूंगीवैम्प यूएस में गूंजी वाम्प एक ऐसी जगह है जो इतिहासकारों और पुरातत्ववेत्ताओं के लिए सिरदर्द बनी हुई है। इस जगह पर लगभग 14 सौ सालों तक विविध समुदायों का कब्जा रहा है और सभी ने इसपर अपनी छाप छोड़ी है। यहां पत्थरों के बने कमरे हैं पत्थर की रिंग नुमा आकृतियां भी हैं दीवारों पर लिखावट है लेकिन उसकी भाषा अभी तक डीकॉड नहीं की जा सकी है। गूंजी वाम्प पे मनुष्य जीवन के इतने अवशेष हैं कि ये बता पाना मुश्किल है कि एक युग कब शुरू होता है और कब खत्म। या यह पहली सभ्यता कौन सी थी। एक मान्यता यह है कि से छठी शताब्दी में बसाया गया जब केल्टिन क्रिश्चियन वाइकिंग रेड से बचने के लिए एक आयरलैंड से यहां आए लेकिन ठोस सबूत न होने की वजह से यह थ्योरी भी फेल हो जाती है। यहां पर मैग्नेटिक एक्टिविटी भी देखी गई है। वैज्ञानिक इसका कारण मैग्नेटिक पदार्थो कॉर्ड की उपास्थि को मानते हैं जबकि कान्स्पेरिसी स्पिनर्स की थ्योरी के अनुसार यह एलियन की मौजूदगी की वजह से है तो दोस्तो आज के लिए इतना ही धन्यवाद।

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